मानव विकास सूचकांक क्या है ? और इसे कैसे मापा जाता है ? - निबंध

Manav Vikas Kya Hai ? Aur ise kaise napa jaata hai ? Nibandh lekhan | Samaj shastra | Sociology | 2019

मानव विकास सूचकांक क्या है ? और इसे कैसे मापा जाता है ? 

 निबंध


मानव विकास सूचकांक (HDI) एक सूचकांक है, जिसका उपयोग देशों को "मानव विकास" के आधार पर आंकने के लिए किया जाता है। इस सूचकांक से इस बात का पता चलता है कि कोई देश विकसित है, विकासशील है, अथवा अविकसित है। मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) जीवन प्रत्याशा, शिक्षा, और प्रति व्यक्ति आय संकेतकों का एक समग्र आंकड़ा है, जो मानव विकास के चार स्तरों पर देशों को श्रेणीगत करने में उपयोग किया जाता है। जिस देश की जीवन प्रत्याशा, शिक्षा स्तर एवं जीडीपी प्रति व्यक्ति अधिक होती है, उसे उच्च श्रेणी प्राप्त होती हैं। इसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित किया जाता हैं।
मानव विकास को मानव विकास सूचकांक (Human Development Index, HDI) के रूप में मापा जाता है। इसे मानव विकास की आधारभूत उपलब्धियों पर निर्धारित एक साधारण समिश्र सूचक के रूप में मापा जाता है और विभिन्न देशों द्वारा स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच के क्षेत्र में की गई उन्नति के आधार पर उन्हें श्रेणी प्रदान करता है।
यह श्रेणी 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है, जो एक देश, मानव विकास के महत्त्वपूर्ण सूचकों में अपने रिकॉर्ड से प्राप्त करता है। मानव विकास सूचकांक UNDP (United Nation Development Programme) द्वारा नापा जाता है। UNDP का मुख्यालय न्यूयॉर्क में है, इसकी स्थापना 1965 को हुई थी। चलिए जानते हैं मानव विकास सूचकांक क्या होता है और इसको मापने के लिए किन पैमानों (measures) का प्रयोग किया जाता है:-

स्वास्थ्य
स्वास्थ्य के सूचक को निश्चित करने के लिए जन्म के समय जीवन-प्रत्याशा को चुना गया है। इसका अर्थ यह है कि लोगों को लम्बा एवं स्वास्थ्य जीवन व्यतीत करने का अवसर मिलता है। जितनी उच्च जीवन-प्रत्याशा होगी, उतनी ही अधिक विकास का सूचकांक (HDI) होगा।

शिक्षा
यहाँ पर शिक्षा का अभिप्राय प्रौढ़ साक्षरता दर तथा सकल नामांकन अनुपात से है। इसका अर्थ यह है कि पढ़ और लिख सकने वाले वयस्कों की संख्या तथा विद्यालयों में नामांकित बच्चों की संख्या अधिक होने से सूचकांक में वृद्धि होती है।

संसाधनों तक पहुँच
संसाधनों तक पहुँच को करी शक्ति (अमेरिकी डॉलर में) के सन्दर्भ में मापा जाता है। सूचकांक निर्मित करने के लिए प्रत्येक सूचक के लिए सर्वप्रथम न्यूनतम तथा अधिकतम मान निश्चित कर लेते है|
जन्म के समय जीवन प्रत्याशा: 25 वर्ष और 85 वर्ष
सामान्य साक्षरता दर: 0 प्रतिशत और 100 प्रतिशत

प्रतिव्यक्ति वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (PPP)
$100 अमेरिकी डॉलर और $40,000 अमेरिकी डॉलर। इनमें से प्रत्येक आयाम को 1/3 भारिता दी जाती है। मानव विकास सूचकांक इन सभी आयामों को दिए गए वजन का कुल योग होता है। स्कोर, 1 के जितना निकट होता है, मानव विकास का स्तर उतना ही अधिक होता है। इस प्रकार 0.983 का स्कोर अति उच्च स्तर का, जबकि 0.268 मानव विकास का अत्यंत निम्न स्तर माना जायेगा।मानव विकास सूचकांक मानव विकास में प्राप्तियों एवं कमियों को मापता है।

प्राप्तियाँ:
प्राप्तियाँ मानव विकास के प्रमुख क्षेत्रों में की नई उन्नति की सूचक हैं। ये सर्वाधिक विश्वनीय माप नहीं है, क्योंकि ये वितरण के सम्बन्ध में कोई सूचना नहीं देती।

कमियाँ:
मानव गरीबी सूचकांक, मानव विकास सूचकांक से सम्बंधित है और मानव विकास में कमियों को मापता है। इनमें कई पक्षों को सम्मिलित किया जाता है, जैसे – 40 वर्ष कम आयु तक जीवित न रह पाने की संभाव्यता, प्रौढ़ निरक्षरता दर, स्वच्छ जल तक पहुँच न रखने वाले लोगों की संख्या और अल्प्भार वाले छोटे बच्चों की संख्या आदि। मानव विकास सूचकांक इन पैमानों द्वारा संयुक्त अवलोकन कर के किसी देश में मानव विकास की स्थिति का यथार्थ चित्र प्रस्तुत करता है।


एचडीआई में मानव विकास के तीन बुनियादी आयामों में दीर्घकालिक प्रगति का आंकलन किया जाता है. इन तीन आयामों में लंबा और स्वस्थ जीवन, ज्ञान का प्रसार और रहन-सहन का अच्छा स्तर है.इस वरीयता सूची में नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड और जर्मनी ऊपर हैं. जबकि नाइजर, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, दक्षिण सूडान, चाड और बुरुंडी जैसे देश एचडीआई के स्वास्थ्य, शिक्षा और आय में राष्ट्रीय उपलब्धियों के मानकों पर सबसे नीचे हैं.
 रिपोर्ट के अनुसार भारत की सकल राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय 1990 से 2017 के बीच 266.6 प्रतिशत बढ़ी है. भारत के एचडीआई मूल्य का करीब 26.8 प्रतिशत असमानताओं की वजह से कम हो जाता है.रिपोर्ट बताती है कि असमानता भारत के लिए चुनौती बनी हुई है.केंद्र सरकार और अनेक राज्य सरकारों ने विभिन्न सामाजिक संरक्षण उपायों के जरिए यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि आर्थिक विकास का लाभ व्यापक रूप से साझा किया जाए और कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहले पहुंचे.इसमें कहा गया है कि भारत में नीति और विधायी स्तर पर काफी प्रगति होने के बाद भी महिलाएं राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप से पुरुषों की तुलना में कम सशक्त हैं.उदाहरण के तौर पर, संसद में केवल 11.6 प्रतिशत महिलाएं सांसद हैं और 64 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में केवल 39 प्रतिशत महिलाएं कम से कम माध्यमिक स्तर तक की शिक्षा अर्जित कर पाती हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक श्रम बाजार में महिलाओं की भागीदारी सिर्फ 27.2 प्रतिशत है जबकि पुरुषों की भागीदारी 78.8 प्रतिशत है. हालांकि यूनडीपी का कहना है कि बावजूद इसके भारत ने लिंग असमानता सूचकांक में अच्छा प्रदर्शन किया है. भारत अपने पड़ोसियों बांग्लादेश और पाकिस्तान से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 160 देशों में से 127 वीं रैंकिंग हासिल की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 189 देशों में से, जिनके लिए एचडीआई की गणना की गई है, 59 देश आज बहुत ऊंचे मानव विकास समूह में हैं और केवल 38 देश कम एचडीआई समूह में शामिल हैं.

Human devlopment latest Report 2017
Click the Link given Below :-
http://hdr.undp.org/en/composite/HDI



मानव विकास सूचकांक क्या है ? और इसे कैसे मापा जाता है ? - निबंध मानव विकास सूचकांक क्या है ? और इसे कैसे मापा जाता है ? - निबंध Reviewed by The IK Series on Tuesday, August 20, 2019 Rating: 5

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