Essay on Covid-19 / Coronavirus in Hindi | कोरोनावायरस महामारी पर हिंदी निबंध / कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी | हिंदी निबंध

Essay on Covid-19 / Coronavirus in Hindi | कोरोनावायरस महामारी पर हिंदी निबंध / कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी | हिंदी निबंध

कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी | हिंदी निबंध 

कोरोनावायरस महामारी पर हिंदी निबंध / Covid19-Coronavirus पर निबंध। 

प्रस्तावना: 

कोरोनावायरस (Covid19-Coronavirus) ऐसा संक्रमण है जो लोगों के एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलता है। इस बीमारी ने आज दुनियाभर में भयावह स्थिति उत्पन्न कर दी है। माना जाता है कि यह विषाणु किसी भी सतह पर मौजूद हो सकता है। इसी कारण यदि हम विषाणु से युक्त किसी भी सतह को छूते हैं और उसके बाद अपने हाथों से चेहरे को तथा आंखों को छूते हैं तब भी यह वायरस हमारे शरीर में अपनी जगह बना लेता है। कोरोनावायरस की शुरुआत सबसे पहले चीन के वुहान शहर से हुई। जहां 8 दिसंबर 2019 को इस वायरस से संक्रमित पहला केस दर्ज किया गया था। इसके बाद से कोरोना वायरस संपूर्ण विश्व के समस्त देशों में फैलता चला जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित पहला केस 30 जनवरी 2020 को सामने आया था। इस वायरस के एक साल बीत जाने के बावजूद अभी भी इसका कहर भारत सहित पूरी दुनिया पर जारी है। 

कोरोना वायरस की उत्पति व प्रभाव- 

कोरोना वायरस एक ऐसा संक्रमण है, जो सामान्य जुखाम तथा खांसी से शुरू होकर बेहद गंभीर रूप ले लेता है। कोरोना वायरस का पहला मामला 8 नवंबर 2019 को चीन के वुहान शहर में निकला था। और इसके बाद से इस वायरस ने एक भयंकर रूप लेना शुरू कर दिया। भारत में 30 जनवरी 2020 को इस वायरस से संबंधित मामला देश के समक्ष आया। WHO के द्वारा कोरोना वायरस को covid-19 का नाम दिया गया। इसके अनुसार, कोरोना वायरस के लक्षण 14 दिन के भीतर प्रदर्शित होने लगते है। इस वायरस के शरीर में पहुंचने पर मनुष्य की सांस लेने की क्षमता कम होने लगती है व शरीर का तापमान बढ़ने लगता है। यदि इन लक्षणों के प्रभाव में कमी नहीं आती है तो व्यक्ति की मौत होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए स्थाई रूप से कोई दवा तैयार नहीं की जा सकी है। 

लेकिन इस वायरस से बचने के लिए आपसी दूरी बनाए रखने का परामर्श विशेषज्ञों द्वारा दिया गया है। कोरोना वायरस कैसे फैलता है ? कोरोना संक्रमित मरीज़ के छींकने से उसके आस-पास के लोगों तक तेज़ी से फैलता है। किसी कोरोना संक्रमित मरीज़ के थूक को सतह पर छूने से और फिर अपने मुंह, चेहरे, नाक को हाथ लगाने से फैलता है। कोरोना संक्रमित के छींक की बूंदे से कोरोना वायरस सफर कर रहे एक यात्री से दूसरे यात्री में तेज़ी से फैलता है। यह हवाई जहाज के सीटों पर कई समय तक जिन्दा रह सकता है। एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति हज़ारों लोगो को संक्रमित कर सकता है। कोरोना वायरस मनुष्य के शरीर में बिना कोई लक्षण दिखाए 14 दिनों तक एक्टिव रह सकता है। 

कोरोना वायरस के लक्षण: 

सामान्य तौर पर कोरोनावायरस के लक्ष्ण औसतन 5 दिन के भीतर दिखना शुरू हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार कोरोनावायरस के लक्षण 14 दिन के अंदर व्यक्ति में प्रदर्शित होने लगते हैं। तेज बुखार, गले में दर्द, ख़त्म न होने वाली खासी और सांस लेने में तकलीफ। अंत में जाके यह फेफड़ों को कमजोर कर देता है जिससे मरीज़ को सांस लेने में मुश्किल होती है। यह शरीर के दूसरे अंगों को नाकाम कर देता है जिससे मरीज़ की मौत हो जाती  है। यदि किसी व्यक्ति को लगातार लंबे समय तक खांसी आती है तथा खांसी के साथ बलगम भी आता है तो उस व्यक्ति में वायरस होने की संभावना बढ़ जाती है। इस वायरस के कारण शरीर का तापमान बढ़ कर 100 से 100.4 डिग्री फॉरेनहाइट तक चला जाता है। जिस कारण मनुष्य का शरीर ठंडा पड़ जाता है तथा आंखें लाल हो जाती हैं व शारीरिक कमजोरी भी होने लगती है। शोधकर्ताओं का कहना है, अन्य लक्षणों के अतिरिक्त खाने में स्वाद का अनुभव ना होना तथा किसी भी गंध युक्त वस्तु में गंध महसूस ना होना भी कोरोनावायरस का एक बेहद खतरनाक लक्षण है। इन सभी लक्षणों के साथ वायरस के कारण मनुष्य को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।



कोरोना से बचाव के उपाय- 

सर्वप्रथम कोरोनावायरस से बचने के लिए सामाजिक दूरी बनाए रखना बेहद आवश्यक है। केंद्रीय तथा राज्य सरकारों द्वारा 2 गज की दूरी बनाए रखने की हिदायत भी जनता को दी गई है। खांसते तथा छींकते समय अपने मुंह को साफ रुमाल से ढक लेना चाहिए। सुरक्षित मास्क का प्रयोग करना चाहिए। शरीर की इम्यूनिटी पावर को उचित स्तर पर बनाए रखना आवश्यक है। इम्यूनिटी पावर को बढ़ाने वाले फलों तथा सब्जियों इत्यादि को धोकर तथा साफ करके सेवन करना चाहिए। सामाजिक क्षेत्र में उपस्थित होने पर, किसी भी वस्तु का सेवन करने से पहले, अपने हाथों को चेहरे पर लगाने से पहले सैनिटाइजर का प्रयोग समय-समय पर करते रहना चाहिए। कोरोनावायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति को उचित अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए एवं संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रखना चाहिए। कोरोनावायरस से बचाव के लिए वर्तमान में कोवैक्सीन तथा कोवीशील्ड नामक दो टीके लगाए जाना शुरू हो चुके है। एक्सपर्ट्स के अनुसार दोनों ही टीके सुरक्षित है। इस वैक्सीन की दो डोज निश्चित समय के अंतराल पर दी जाती है। अभी यह वैक्सीन आयु के अनुसार देश में लगाई जा रही है। यद्यपि कोरोनावायरस से बचाव के लिए कोई निश्चित दवाई अभी नहीं बनाई गई है तथापि इस वायरस के अंत के लिए कुशल शोधकर्ता प्रयासरत है। जब तक इस वायरस से बचने के लिए किसी भी प्रकार का निश्चित उपाय हमारे समक्ष नहीं आता है तब तक सरकार तथा कुशल चिकित्सक द्वारा जो दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं उनका पालन करना आवश्यक है। कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता: कोरोना वायरस अथवा कोविड-19 एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलने वाला रोग है। देश की इन परिस्थितियों को देखते हुए जनता के लिए यह आवश्यक है कि वे कोरोना वायरस से बचाव के उपायों का नियमित रूप से पालन करें। सामाजिक दूरी बनाएं रखें। मास्क का नियमित प्रयोग करें। खांसते, छींकते समय रुमाल का प्रयोग करें। इम्यूनिटी पॉवर को बढ़ाए रखने का प्रयास करें। संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन तथा क्वांरनटाइन करने का प्रबंध करें। ताकि उस व्यक्ति के सम्पर्क में आने से यह वायरस अन्य लोगों तक न‌ पहुंचे। केंद्रीय सरकार व राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में जो दिशा निर्देश जनता को दिए जाएं उनका पालन करें।

 कोरोना वायरस की भारत में स्थिति- 

कोरोना वायरस के प्रभाव से अभी तक दुनिया में मरने वालो कि संख्या 31.79 लाख के पार हो चुकी हैं। आंकड़ों के अनुसार, भारत में इस बीमारी ने अब तक 2,08,330 से भी अधिक व्यक्तियों की जान ले ली है। परंतु साथ – साथ दूसरी ओर उचित परामर्श का पालन करने वाले व्यक्तियों पर इस वायरस का प्रभाव कम होता भी नजर आ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से ठीक होने वाले व्यक्तियों कि संख्या 1,58,84,418 हो चुकी है व मृत्यु दर में भी आंशिक गिरावट हो रही है। वर्तमान में, देश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए टीकाकरण की शुरुआत कर दी गई है एवम् इसकी रफ्तार दिन प्रतिदिन तेज होती जा रही है। कोवैक्सीन तथा कोविशील्ड नाम के ये दो टीके देश में आयु के अनुरूप दो चरण में लगाए जा रहे है। इस टीकाकरण से पूर्व सरकार द्वारा लोगों को घर में रहने का आदेश दिया गया है तथा इसके लिए समय समय के अंतराल पर लॉकडाउन की व्यवस्था उचित रूप से की जा रही हैं। कोरोना वायरस का चीन पर पहला वार: 11 जनवरी को चीन ने पहले 61 वर्षीय आदमी के मौत की जानकारी दी। जिसने युहान के पशु बाजार से सामान ख़रीदा था। दिल का दौड़ा पड़ने पर उसकी मौत हो गयी। 16 जनवरी को एक दूसरे मौत की खबर युहान से आयी। इसी तरह देखते ही देखते  नेपाल, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, मलयिसिया, सिंगापुर, फदक्षिण कोरिया, विएतनाम, ताइवान, अमेरिका, इटली, भारत आदि देशो को अपने पंजो में जकड लिया। चीन ने जनवरी के आखरी दिनों में यह दावा किया की यह एक मनुष्य से दूसरे मनुष्यों में फेलता है जो की काफी भयानक है, लेकिन बहुत देर हो गयी थी। पूरा विश्व इसकी चपेट में आ चूका था। जनवरी 22, चीन में 17 लोगों की मौत हो गयी और 550 लोग संक्रमित थे।

 फरवरी 8 को यूएस नागरिक की युहान शहर में मौत हो गयी। 10 फरवरी तक 108 लोगों की चीन में मौत हो गयी थी और यह आंकड़ा रोज तेज़ी से बढ़ रहा था और थमने का नाम नहीं ले रहा। 11 मार्च को वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन ने कोरोना वायरस को एक भयानक महामारी घोषित कर दिया। भारत में आज 10,000 से ज़्यादा लोग संक्रमित है और लोगों की मौत हो गयी है। अमेरिका जैसे विकसित देशों में 2 लाख से ज़्यादा लोग संक्रमित है और रोज 800 लोगों की मौत हो रही है। चीन के बाद इटली इसकी चपेट में आ गया है। इटली में कोरोना मरीज़ो की संख्या 17,000 तक पहुंच गया है और  21,000 लोगों की मौत हो गयी है। यूएसए में 61,4000 में कोरोना संक्रमित मरीज़ पाए गए है और 26,000 लोगो की मौत हो गयी है। 24 अप्रैल को भारत के प्रधानमंत्री ने 3 मई तक लॉक डाउन घोषित कर दिया है और हम भारतियों को इसका पालन करना अनिवार्य है। तभी हमे इस महामारी से छुटकारा मिल सकता है। सोशल डिस्टन्सिंग यानी सामाजिक दुरी इसका आखरी उपाय है ताकि संक्रमण को रोका जा सके। फ्रांस ने लॉक डाउन को 11 मई तक बढ़ाने का एलान कर दिया है। ताइवान में 393 केसेस दर्ज हुए है। ज़्यादातर लोग इसमें बाहर देशो से यात्रा करके आये थे। 13 अप्रैल को न्यूयोर्क में 10,000 से ज़्यादा लोगो की मौत हो गयी।

 नाइजीरिया और सिंगापुर ने भी लॉक डाउन का एलान कर दिया है। हर जगह जैसे त्र्याही -त्रयहि मच गई है। इस विपदा ने दुनिया भर में लाखो लोगो की जान ले ली। चीन अभी कोरोना वायरस से उभर ही रहा था और सामान्य जीवन व्यतीत करने की कोशिश कर रहा था की अचानक कोरोना वायरस के 108 केसेस फिर से दर्ज हो गए। 11 अप्रैल को स्पेन में 510 लोगों की जान गयी। इटली में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 11468 हो गयी है हलाकि यह संख्या फिर से बदल सकती है। हर घंटे हर एक देश में कोरोना वायरस लोगों की जान ले रहा है और मानव जाति के लिए घातक साबित हुआ है। पूरी दुनिया में कुल 167 मिलियन केसेस दर्ज हुयी है। चीन में कोरोना के दूसरे चरण का पता चला है जिसमे मरीज़ो को कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिल रहे जबकि खून की जांच में वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। 


अभी तक के लिए सारे देशो में दो लोगो का एक साथ निकलना मना कर दिया गया है और धारा 144 लागु कर दी गयी है। दुकाने, दफ्तर, स्कूल, रेस्टोरेंट, होटल सब बंद कर दिए गए है। भारत हर संभव कोशिश कर रहा है ताकि इस महामारी से छुटकारा मिल जाए। ज़्यादातर बुजुर्ग लोग 60 से ऊपर लोग अपने जान गवा रहे है जिनमे डायबिटीज, हृदय रोग जैसी बीमारी है। कोरोना वायरस से जहाँ बहुत से लोगो की जान गयी हैं वहां बहुत सारे लोग ठीक भी हुए है लेकिन उनका आंकड़ा मरने वालों की तुलना में कम है। अभी देखा जा रहा है जो 37 मरीज़ कोरोना वायरस से ठीक हुए है वह फिर से पॉजिटिव पाए गए है। कोरोना मरीज को अस्पताल में एक अलग कमरे में रखा जा रहा है जिससे संक्रमण न फैले। डॉक्टर और नर्स दिन रात मरीज़ों की सेवा कर रहे है, हम तहे दिल से उन्हें सलाम करते है। डॉक्टर और नर्स भी इस जानलेवा वायरस से संक्रमित हो गए है। देखा जा रहा है जहाँ मरीज़ों का इलाज चल रहा है वहां के हर चीजों में वायरस का प्रकोप है। 

कोरोना वायरस बहुत समय तक हवा में और कपड़ो पर कई घंटो तक जीवित रह सकता है। एंटीबायोटिक्स कोरोना वायरस को नहीं रोक सकता। एंटीबायोटिक्स से कोरोना वायरस का इलाज संभव नहीं है। मरीज़ के माइल्ड सिम्पटम्स हो तो 2 हफ्ते में ठीक हो सकता है। अगर सिम्पटम्स गंभीर हैं यानी बहुत ज़्यादा सांस लेने में तकलीफ होना इसमें मरीज़ को वेंटीलेटर की ज़रूरत होती है। ऐसे मरीज़ को 6 हफ्ते लग सकते है। covid19 के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी कोरोना वायरस के इलाज के लिए फ्लुइड्स दिए जाते है ताकि मरीज़ को डिहाइड्रेशन न हो जाए। बुखार को काम करने के लिए दवाई दी जाती है। क्लोरोक्विन एक ऐसी दवा है जो मलेरिया में काम आती है अब यह कोरोना वायरस से लड़ने में भारी मात्रा में काम आ रही है। दक्षिण कोरिया में हाल ही  में HIV के इलाज़ में प्रयोग होने वाले दवाईया से 54 वर्ष के एक मरीज़ के ठीक होने की खबर मिली है। मलेरिया के इलाज़ में प्रयोग होने वाले दवाइयां भी असरदार हो रही है। 

favilar नामक दवाई कोरोना के मरीज़ के नाक और गले के सूजन को ठीक करने में असरदार साबित हुई है। निष्कर्ष: कोरोना वायरस ने पुरे विश्व के शक्तिशाली देशों को घुटनो पर लाकर रख दिया है। सारे देश मिलकर कोरोना वायरस से मुक्ति पाने में जुटी है और डॉक्टर्स ,नर्सेज एकजुट होकर लड़ रहे है। उनकी जितनी भी सराहना की जाए कम होगी। नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कठोर कदम उठाये है जो हमारे देश की भलाई के लिए है और हम सभी को एक भारतीय होने के नाते इस कठोर समय में उनका साथ देना चाहिए ताकि हम देश को रोगमुक्त कर सके। ऐसा करने पर जल्द ही ज़िन्दगी फिर से वापस पटरी पर आ जाएगी। कोरोना वायरस के खिलाफ यह महायुद्ध तब तक जारी रहेगा जब तक हम इस वायरस को जड़ से ख़त्म ने करे। विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से प्राप्त सूचना के आधार पर हम आपको कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बता रहे हैं। एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग हो या फिर लैब में लोगों की जांच, सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई तरह की तैयारी की है। इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह से बचने, खुद की सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं जिससे कि कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है। 



कोरोना का प्रकोप– 

कोरोना से होने वाली हानि– कोरोना की वजह से पुरे दुनिया के लोग प्रभावित है। मजदूरों को बहुत नुकसान हुआ है, जो रोजमर्रा के काम से अपने घर का पेट पालते थे। आज उनके लिए एक वक्त की रोटी भी बहुत मुश्किल हो गई। कई मजदूर ऐसे हैं, जो भूखे पेट ही सो रहे हैं। इस महामारी काल में दुनिया भर के कारोबार /व्यापर बंद हो चुके हैं। कोरोना और लॉकडाउन का सबसे ज्यादा नुकसान किसी को हुआ है तो वह है मजदूर, जो अपने परिवार का पेट पालने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। लॉकडाउन की वजह से देश की अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान हुआ है। कारखानों को बंद रखने के कारण भारी नुकसान वहन करना पड़ रहा है, वहीं व्यापार भी पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। लोगों की नौकरियां चली गई हैं जिसकी वजह से बेरोजगारी की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। 

लॉकडाउन की वजह से देश आर्थिक रूप से कमजोर पड़ रहा है। बड़े-बड़े दफ्तर, कल-कारखाने को बंद करने के वजह से मज़दूरों पर आफत आन पड़ी है। जो मज़दूर दैनिक मज़दूरी पे जीते थे उनके घरो में चूल्हा जलना बंद हो गया है। बस्ती में लोग भूखे पेट सो रहे है। गरीब लोगो पर लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर पड़ा है, उनके पास घर लौटने के पैसे तक नहीं है। देश में ऐसी परिस्थिति की वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने प्रधानमंत्री रहत कोष से जरूरत मंद लोगो की सहायता करने का निर्णय लिया। बहुत सारे लोगो ने भी आगे आकर जरूरत मंदो की मदद कर रहे है। लगभग सभी देशो के करोबार को भरी नुकसान भी पंहुचा है। बड़े बड़े कारखाने को बंद रखने के वजह से उनको भयानक नुकसान सहना पड़ रहा है। बाकी व्यबसाहियों को भी इस परिस्थिति में काफी नुक्सान उठाना पड़ रहा है। लॉकडाउन से भारत को अनुमन 100 अरब डॉलर तक का घाटा होने की आशंका है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित 2000 से ऊपर पॉजिटिव केस की संख्या पायी गयी है। 

कोरोना की वजह से 14 अप्रैल तक देश में पुरे तरह से लॉकडाउन करने का फैसला लिया गया। भारतीय की अर्थव्यवस्था हर दिन 4.5 अरब डॉलर यानि करीब 34 हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान हो सकता है। लोगो के आवाजाही पर फिलहाल पूरी तरह से रोक है। कुछ ज़रूरी सामान और सेवाओं को छोड़कर बाकी सारे कारोबार बंद पड़े है। कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए यह सरे निषेध किये गए है। सबसे ज्यादा नुक्सान टूर और ट्रेवल, फ़ूड, रियल एस्टेट जैसे इंडस्ट्री को हुआ है। भारत में लॉकडाउन के कारण घर में रहते हुआ लोगो को मानसिक समस्या हो सकती है। इससे छोटे बच्चो को काफी समस्या हो रही है, क्योकि वह बाहर खेलने या स्कूल जाने में असमर्थ है। कई लोग डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते है। इन सबसे बचने के लिए एक उपाय यह है की अपने आप को ज्यादा से ज्यादा काम कार्यो में मसरूफ रखना ताकि यह सारे ख्याल हमारे मस्तिष्क में न आये। 

10 lines on covid-19 

कोरोनावायरस को कोविड-19 नाम से भी जाना जाता है 

विश्वस्वास्थ्य संगठन who ने कोरोनावायरस को महामारी घोषित कर दिया है 

कोविड-19 नाम का यह वायरस अब तक दुनिया के काफी देशों में फैल चुका है 

कोरोनावायरस बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है 

इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था 

यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है

 कोरोनावायरस से गंभीर मामलों में निमोनिया सांस लेने में बहुत ज्यादा परेशानी कितनी पिलाना और यहां तक की मौत  भी हो सकती है 

इस वायरस से बचने के लिए हाथों को साबुन से धोना चाहिए अल्कोहल आधारित सेनीटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए 

सभी व्यक्तियों से उचित दूरी बनाकर रखनी चाहिए

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