जल ही जीवन है पर निबंध | Save Water - Essay | in Hindi | Jal hi Jeevan hai Essay in Hindi

जल ही जीवन है पर निबंध | Save Water - Essay | in Hindi | Jal hi Jeevan hai Essay in Hindi

 


जल ही जीवन है हिंदी निबंध, jal hi jeevan hai essay in hindi 

जल मनुष्य के लिए बेहद अहम होता है। जल के बैगर हम एक दिन भी नहीं रह सकते है। हम पानी पिए बिना जीवित नहीं रह सकते है। जल सिर्फ सेवन के लिए नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के गतिविधियों में इस्तेमाल होती है।  जल से हम खाना बनाते है , कपड़े धोते है , नहाते है और हर बार हाथ पैर भी हम जल द्वारा धोते है। जल नियमित रूप से हमे ज़रूरत होती है।  जल हमे नदियों , तालाबों , वर्षा जैसे स्रोत से प्राप्त होती है |  पृथ्वी पर अधिकांश जल समुन्दर में पाया जाता  है , जो खारा है और कुछ बर्फीला होता है। इन का पानी हम ना इस्तेमाल कर सकते है और ना ही सेवन कर सकते है। पृथ्वी पर पीने लायक  जल सिर्फ दो प्रतिशत होता  है। जल एक प्राकृतिक संसाधन है , इसका सोच समझकर इस्तेमाल करना चाहिए। 

निरंतर जल का  गलत उपयोग और उसे बेवजह  बर्बाद करने की आदत ने मनुष्य और जीव जंतुओं को मुश्किल में डाल दिया है। जल सिर्फ मनुष्य के लिए ही नहीं  बल्कि पशु पक्षियों और पेड़ पौधों के लिए भी ज़रूरी होता है। पर्यावरण जल के बैगर नष्ट हो सकता है। आजकल भूमिगत  जल में काफी गिरावट आयी है जिसके कारण ना सिर्फ गाँव बल्कि शहरों में भी पानी की दिक्कत पायी जाती  है। जल धरती पर कई रूपों में पायी जाती है जैसे बर्फ के रूप में , नदियों और तालाबों में जल यानी तरल पदार्थ के रूप में और वाष्प के तौर पर पायी जाती है। वाष्प की वजह से वह बदल बनते है।  इन्ही बादलो की वजह से बरसात होती है।  वर्षा होती है , तभी जाकर भूमिगत जल का स्तर बढ़ता है।  

आजकल कई क्षेत्रों में अनावृष्टि के कारण पीने का पानी भी उपलब्ध नहीं होता है। बरसात की मात्रा  में  पहले की तुलना में काफी गिरावट आयी है जिससे जल स्रोत जैसे नदी , तालाब इत्यादि जलाशय  सभी   सूख रहे है। इसका प्रमुख कारण है मनुष्य का अंधाधुंध वनो को काटना। वन उन्मूलन ने वर्षा के दर को कम किया है।  अगर वृक्ष नहीं होंगे तो वर्षा कैसे होगी। पृथ्वी का तापमान निरंतर बढ़ रहा है , जिसके कारण पर्यावरण पर  इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है और पानी की कमी हो रही है। सत्तर फीसदी जल मनुष्य के शरीर में व्याप्त है। जल के बिना कोई भी प्राणी जीवित नहीं रह सकता है। अगर ऐसी ही स्थिति बनी रही तो हमारे आने वाली पीढ़ी को जल मिलेगा ही नहीं।  प्रदूषण , कल कारखानों के कारण बढ़ता चला जा रहा है। कल कारखानों से निकलता हुआ कचरा और विषाक्त  पदार्थ नदियों और तालाबों में प्रवाहित कर दिए जाते है। इससे जल प्रदूषण की भयानक स्थिति बहुत सालो से बनी हुयी है। कई नियम लागू किये गए है , मगर फिर भी जल प्रदूषित हो रहे है , जिसके कारण पीने का पानी लोगो को नहीं मिल पा रहा है। प्रदूषित पानी की वजह से कई प्रकार की बीमारियां फैल रही है।  

अच्छा शुद्ध जल मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी होता है। पानी पीने से भोजन सही तरीके से पचता है।  पानी हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ को बाहर निकाल देते है। हमे रोज़ाना आठ से दस गिलास पानी का सेवन अवश्य करना चाहिए। रोज़ाना पानी पीने से हम सक्रीय रहते है और यह हमेशा हमे हाइड्रेटेड रखती है। हमे पानी का उपयोग सोच समझ के करना चाहिए। हमे व्यर्थ रूप से पानी खर्च नहीं करना चाहिए।  अगर कभी भी बिना वजह नल खुला हुआ दिखे तो उसे तुरंत बंद कर देना चाहिए। पानी की एक एक बूंद के लिए लोग तरसते  है। जितना आवश्यक हो उतना जल का इस्तेमाल करे। जैसे ही  वर्षा हो , वर्षा का जल एक जगह इकठ्ठा यानी संग्रह करना चाहिए।  इस प्रक्रिया को रेन वाटर हार्वेस्टिंग कहते है। जल को बचाने के लिए लोगो को पेड़ -पौधे लगाने होंगे। जिन भी उद्योगों और फैक्टरियों की वजह से जल प्रदूषित  हो रहा है , उनको चेतावनी देना आवश्यक है। ऐसी फैक्टरियों को दूषित गन्दा पानी ,  नदियों के जल में नहीं मिलाना चाहिए। लोगो को भी किसी प्रकार का कचरा और बेकार की चीज़ें पानी में नहीं फेंकनी चाहिए। 

अक्सर देखा गया है , लोग अपने गाड़ियों को धोने  के लिए कई लीटर पानी यूँ ही बहा देते है। इस पर लोगो को नियंत्रण रखना ज़रूरी है। हमे वृक्षारोपण जैसी पद्धति को अपनाना चाहिए। अधिक से अधिक  पौधे लगाने चाहिए। प्लास्टिक जैसी वस्तुओं का उपयोग  कई  स्थानों  पर बंद कर दिया गया है। ऐसी वस्तुओं से जल प्रदूषण होता है। सरकार को ऐसी सुव्यवस्थित योजना बनानी चाहिए जिसमे समग्र नदियों को एक साथ जोड़ा जाए। इससे कई क्षेत्रों में जहाँ जल की समस्या है , उन्हें जल प्राप्त होगा। कई लोग पानी के महत्व को समझते हुए भी उसे गन्दा कर रहे है। उन  लोगो को अपनी आदतें और सोच बदलनी होगी। गाँवों और कस्बो में लोग तालाबों के पानी में नहाते है और कपड़े इत्यादि धोते है।  इससे तालाबों का पानी गन्दा हो रहा है।  लोगो को इस प्रकार के कार्य करने से रोकना ज़रूरी है। जल का सही उपयोग और जल बचाओ जैसी चीज़ो को प्रत्येक घरो तक पहुंचाना ज़रूरी बन गया है। जल का सही मोल वह इंसान जानता है , जो कई किलोमीटर चलकर जल मटके में भर कर लाता है। हमारे देश की जनसंख्या आसमान छू रही है।  

दुनिया में जनसंख्या के मामले में भारत दूसरे नंबर पर खड़ा है। जितने अधिक लोग होंगे , उतनी पानी की अधिक ज़रूरत होगी और पानी के लिए टैंकर के सामने लम्बी लाइने होंगी।  जितने अधिक लोग जल का खर्च भी उतना अधिक होगा। देश के कुछ राज्यों को डार्क जोन की केटेगरी में डाला गया है।  अगर ऐसे ही चलता रहा तो कुछ वर्षो बाद उन राज्यों में भूमिगत पानी समाप्त हो जाएगा। लोगो को जितनी ज़रूरत हो , उतना ही पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। पृथ्वी पर शुद्ध   जल प्राप्त करना संकटपूर्ण स्थिति बन चुकी है। हम सब एक जुट होकर अगर प्रयत्न करे तो हम इस स्थिति से उभर सकते है। लोगो को अपने दैनिक कार्यो के लिए सोच समझ कर जल का उपयोग करना चाहिए।  सरकार द्वारा लोगो के घरो पर पानी का मीटर लगाने की ज़रूरत है।  इससे  जल का दुरूपयोग कम होगा और लोग जल की सही माईनो में कदर करेंगे। प्रदूषित जल पीने के कारण जीव जंतु बीमार हो रहे है और उनकी मृत्यु हो रही है। प्रदूषित जल का उपयोग किसी जगह पर सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। जिसके कारण फसले रोगग्रस्त हो रहे है।  इन फसलों के सेवन से लोग बीमार हो रहे है। इन चीज़ो पर अंकुश लगाना बेहद आवश्यक है। 

लोगो में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए विश्व जल दिवस मनाया जाता है। यह हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है। इस दिन लोगो को जल का असली मोल के बारें में समझाया जाता है।  यह भी बताया जाता है कि धरती पर कई लोग गन्दा पानी पीने को मज़बूर है।  इसमें सभी के साथ की ज़रूरत है। विद्यालय और सभी शिक्षा संस्थानों में छात्रों को इस विशेष दिन जल का महत्व समझया जाता है | निष्कर्ष जल समस्त प्राणियों के लिए अमृत से कम नहीं होता है। अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो वह दिन दूर नहीं कि जल के बिना पूरी पृथ्वी समाप्त हो जायेगी। अभी भी समय है कि हम जल संरक्षण करे और जल को प्रदूषित होने से बचाये। देश की सरकार अपनी तरफ से भरपूर कोशिशें कर रहे है।  आम जनता को भी जल की अहमियत समझनी होगी और प्रत्येक व्यक्ति को जल के मामले में जागरूक होना चाहिए। हमारा दायित्व है कि हम जल को बचाये और जल की असली  कीमत समझे।

जल ही जीवन है पर निबंध | Save Water - Essay | in Hindi | Jal hi Jeevan hai Essay in Hindi जल ही जीवन है पर निबंध | Save Water - Essay | in Hindi | Jal hi Jeevan hai Essay in Hindi Reviewed by The IK Series on Monday, November 08, 2021 Rating: 5

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