Essay on Mahatma Gandhi in Hindi | महात्मा गाँधी पर निबंध | For Class 1st to 12th | CBSE | Hindi Essay, Hindi Paragraph, हिंदी निबंध
महात्मा गाँधी (बापू ) पर निबंध | Essay on Mahatma Gandhi ji in hindi.
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— 150 years of celebrating the Mahatma (@Mahatma150) October 2, 2020
महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। भारत को स्वतंत्रता दिलवाने में उन्होंने एहम भूमिका निभायी थी। 2 अक्तूबर को हम उन्ही की याद में गाँधी जयंती मनाते है। वह सत्य के पुजारी थे। गांधीजी का सम्पूर्ण नाम मोहनदास करमचंद गाँधी था। वे सत्य के पुजारी थे । उनके पिता का नाम करमचंद उत्तमचंद गाँधी था और वह राजकोट के दीवान रह चुके थे। गाँधी जी की माता का नाम पुतलीबाई था और वह धर्मिक विचाओं और नियमों का पालन करती थी। महात्मा गाँधी के जीवन में उनकी माँ की परछाई हमे देखने को मिलती थी। गाँधी जी की पत्नी का नाम कस्तूरबा गाँधी था। कस्तूरबा गांधी जी से 6 माह बड़ी थी। कस्तूरबा और गांधी जी के पिता मित्र थे इसलिए उन्होंने अपनी दोस्ती को रिश्तेदारी में बदल दी। कस्तूरबा गाँधी ने हर आंदोलन में गांधी जी का सहयोग दिया था। पोरबंदर में विद्यालय की शिक्षा समाप्त करने के पश्चात उन्होंने राजकोट से अपने माध्यमिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। फिर वह इंग्लैंड अपने वकालत की आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए इंग्लैंड चले गए। 1891 को गाँधी जी ने अपने वकालत की शिक्षा पूरी की। लेकिन किसी कारण वश उन्हें अपने कानूनी केस के सिलसिले में दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा। वहां जाकर उन्होंने रंग के चलते हो रहे भेद -भाव को महसूस किया और उसके खिलाफ अपनी आवाज़ उठाने की सोची। वहां के गोरे लोग काले लोगों पर ज़ुल्म ढाते थे और उनके साथ दुर्व्यवहार करते थे। 1914 को गाँधी जी भारत वापस आये तो उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के तानाशाह को जवाब देने के लिए बिखरे समाज को एक जुट करने की सोची। इसी दौरान उन्होंने कई आंदोलन किये जिसके लिए वे कई बार जेल भी जा चुके थे। गाँधी जी ने बिहार के चम्पारण जिले में जाकर किसानो पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की। यह आंदोलन उन्होंने जमींदार और अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ी थी। गाँधी जी अहिंसा में विश्वास करते थे और समाज को भी उसी का सहारा लेने के लिए कहते थे।
1 अगस्त 1920 को गाँधी जी ने असहयोग आंदोलन की शुरुआत की थी। गांधीजी ने इस आंदोलन के माधयम से भारत में उपनिवेशवाद को समाप्त करना चाहते थे। उन्होंने भारतीयों से यह अपील की थी कि स्कूल, कॉलेज और न्यायलय न जाये और ना कोई कर चुकाए और सम्पूर्ण रूप से इसका बहिष्कार करें। इस आंदोलन ने अंग्रेज़ों की नीव को हिलाकर रख दिया था। गाँधी जी ने नमक सत्याग्रह जैसे आंदोलन किया था। अंग्रेज़ों ने अपना आधिपत्य चाय, पोशाक और नमक जैसी वस्तुओं पर जमा रखा था। यह आंदोलन 12 मार्च 1930 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दांडी गाँव तक पैदल मार्च किया। बाबू जी ने नमक बनाकर अंग्रेज़ो को चुनौती दी थी। गाँधी जी ने दलित आंदोलन की शुरुआत की थी। उन्होंने इस आंदोलन के द्वारा दलितों के प्रति हो रहे अत्याचारों का विरोध किया था और समाज से छुआछूत जैसे अन्धविशवासों पर अंकुश लगाने के लिए यह आंदोलन 1933 साल में आरम्भ किया था। इसके लिए उन्होंने 21 दिन का उपवास भी किया था। उन्होंने दलितों को हरिजन का नाम दिया था।
गाँधी जी ने 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन किया था और उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ बहुत बड़े आंदोलन का एलान कर दिया था। इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा। इसके साथ ही उन्होंने अछूतों को उनकी पीड़ाओं से मुक्ति दिलाने की भरपूर कोशिश की थी। गाँधी जी ने समाज को शान्ति और सत्य का पाठ पढ़ाया। समाज में हो रहे धर्म, जाति के भेद -भाव को सरासर नकारा और लोगों को नयी प्रेरणा दी। अंग्रेज़ो के गलत इरादों को तोड़ने से लेकर राष्ट्र को स्वतंत्रता दिलाने के लिए सत्याग्रह आंदोलन किये। आखिर में महत्मा गाँधी के नेतृत्व और कई कोशिशों के कारण भारत 1947 14 अगस्त को आज़ादी का सूरज देखा।
उपसंहार – गाँधी जी ने भारत को पराधीनता से मुक्ति दिलाने के लिए भरपूर कोशिश की और सफल भी हुए। उन्होंने समाज की गलत सोचों का निवारण किया और उन्हें प्रेम और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। उनके इन महान कार्यों की वजह से उन्हें देश में राष्ट्रपिता यानी फादर ऑफ़ नेशन की उपाधि दी गयी है। उन्होंने सत्य का साथ कभी नहीं छोड़ा और देश को अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए हर संभव कोशिश की। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महत्मा गाँधी जी की गोली मारकर हत्या की थी और इस तरह से एक महान आदमी के जीवन का अंत हो गया था। लेकिन उनके विचारों ने आज भी समाज के मन में अपनी लौह जलाये रखी है।
To commemorate the 150th birth anniversary of Mahatma Gandhi, the Consulate has launched a special series #Gandhi150. Pictures, Videos, Audios depicting the life events of #MahatmaGandhi
— India in Perth (@CGIPerth) September 11, 2019
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Mahatma gandhi महात्मा गांधी पर निबंध -जीवनी, आंदोलन 700 शब्दों में। मोहनदास करमचंद गाँधी पर हिंदी निबंध।
प्रस्तावना: महात्मा गांधी(मोहनदास करमचंद गाँधी) का नाम हमारे देश में कौन नहीं जानता उन्हें हम राष्ट्रपिता और बापु के नाम से भी जानते हैं महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेता थे, भारत में कई प्रकार की स्वतंत्रता सेनानी हुये वह भी दो तरह के होते थे, पहला वह जो अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों का जवाब देते थे जैसे सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद आदि, दूसरे तरह के सेनानी जो खूनी मंजर के बजाय शांति की राह पर चलना पसंद करते थे और उनमें सबसे प्रमुख नाम महात्मा गांधी जी का आता है जो सत्य अहिंसा के पुजारी थे इसलिए इनको महात्मा गांधी के नाम से हम सब जानते हैं।
गांधीजी का पूरा नाम और जन्म: महात्मा गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 में पोरबंदर काठियावाड़ नाम के स्थान पर हुआ था, जो कि गुजरात में है।
महात्मा गांधी जी का परिवार: महात्मा गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी था। यह राजकोट के दीवान थे माता का नाम पुतलीबाई था जो कि धार्मिक विचारों वाले थीं महात्मा गांधी अपने परिवार में सबसे छोटे थे उन्से एक बड़ी बहन और दो बड़े भाई थे, रलियत ( बहन) (लक्ष्मीदास नंद,कुंवरबेन ) भाई कृष्णदास( गंगा) भाई, इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था महात्मा गांधी जी के बेटे का नाम हरिलाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी, देवदास गांधी, उनके चार बेटे थे जिनमें १३ पोते-पोतिया थे, गोपाल कृष्ण गांधी जी भी महात्मा गांधी जी के पोते थे जो कि 2004 से 2009 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे थे 2017 में उपराष्ट्रपति के चुनाव में चर्चा में रहे।
महात्मा गांधी जी की शिक्षा:- महात्मा गांधी जी की प्रारंभिक शिक्षा राजकोट में हुई थी 1881 में उन्होंने हाई स्कूल में प्रवेश लिया 1887 में गांधी जी ने मैट्रिक की शिक्षा प्राप्त की, भाव सागर के रामलदास कॉलेज में उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई की परंतु परिवार वालों के कहने पर उन्हें अपनी शेष पढ़ाई पूरी करने के लिए इंग्लैंड जाना पड़ा उन्होंने अपनी वकालत की पढ़ाई इंग्लैंड पूरी की, उनका मानना था कि मेरे भारत देश में एक भी व्यक्ति अशिक्षित ना रहे शिक्षा को बहुत महत्व देते थे।
#MahatmaGandhi believed Charkha was a divine weapon for change,
— PIB India (@PIB_India) September 3, 2019
17th June, 1947, listen to him explain his thoughts on Charkha after prarthana sabha#Gandhi150
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महात्मा गांधी जी का भारत वापस आना:- सन 1916 में महात्मा गांधीजी वकालत की शिक्षा ग्रहण करके भारत लौटे और अपने कदम इन्होने आजादी के लिए बढ़ाएं और 1920 में कांग्रेस के लीडर बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के बाद कांग्रेस के मार्गदर्शक बने, प्रथम विश्व युद्ध जो कि 1914-1919 में हुआ था तब गांधी जी ने बिट्रिश सरकार की मदद इस शर्त पर कि कि वो भारत छोड़कर चले जाएंगे और भारत को आजाद कर देंगे पर अंग्रेजों ने ऐसा नहीं किया तब महात्मा गांधी जी ने कई आंदोलन करे थे।
महात्मा गांधी जी के आंदोलन:-
(1) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम -1916 -1945
(2) चंपारण और खेड़ा सत्याग्रह -1998- 1919
(3) खिलाफत आंदोलन -1919 -1924
(4) असहयोग आंदोलन -1920
(5) अवज्ञा आंदोलन ,नमक सत्याग्रह ,दांडी यात्रा ,हरिजन आंदोलन- 1930
(6) भारत छोड़ो आंदोलन , दित्तीय विशव युद्ध ,देश का विभाजन और भारत की आजादी -1942 महात्मा गांधी के आंदोलन : जो भी आंदोलन किए वह सभी शांतिपूर्ण ढंग से किया, वह सत्य और अहिंसा का पालन करते थे, यदि कोई भी हिंसा होती थी तो वह आंदोलन को टाल देते थे।
"Man falls from the pursuit of the ideal of plain living & high thinking the moment he wants to multiply his daily wants.
— India in Sydney (@cgisydney) July 24, 2019
Man's happiness really lies in contentment."- Mahatma Gandhi#Gandhi150 #Mahatma150 #quoteoftheday #WednesdayWisdom pic.twitter.com/cvUBgMDJRU
Wishdom for Today
— India in Cambodia (@indembcam) July 19, 2019
“Repression itself affords a training in Satyagraha, even as an unsought war affords a training for the soldier.”- @Mahatma150 pic.twitter.com/JU8BpuxDqO
रोज़ के विचार
— India in Melbourne (@cgimelbourne) July 1, 2019
झूठ आत्मा को खा जाता है, सत्य आत्मा को पुष्ट करता है।
Quote of the day
Truth nourishes the soul.
Untruth corrodes it.@HCICanberra @CGIPerth @cgisydney @IndianDiplomacy @MEAIndia @Mahatma150 pic.twitter.com/13MTnO2HfC
Quote Of The Day#mahatmagandhi
— India in Cambodia (@indembcam) June 13, 2019
"Strength does not come from physical capacity. It comes from an indomitable will"
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“ A man without an ideal is like a ship without a rudder”. - Mahatma Gandhi #Quoteoftheday #Gandhi150 pic.twitter.com/jrPOvVKn4l
— 150 years of celebrating the Mahatma (@Mahatma150) November 26, 2018
गांधी जी की कुछ महत्वपूर्ण बातें:-
(1) गांधी जी ने दक्षिण प्रवास के दौरान 1899 में, एंग्लो बोयर युद्ध में स्वास्थ्य कर्मि का काम किया था।
(2) जीस ब्रिटिश सरकार से महात्मा गांधी ने लड़ाई लड़ी उन्ही ने उनके सम्मान में उनके निधन के 21 साल बाद उनके नाम का डाक टिकट जारी किया था।
(3) गांधी जी के आंदोलन कुल 4 महाद्वीप और 12 देशों तक पहुंचा था।
(4) भारत में 53 सड़कें महात्मा गांधी जी के नाम से है जबकि 48 लड़के विदेशों में हैं।
(5) महात्मा गांधी जी ने अफ्रीका के डरबन में 3 फुटबॉल क्लब स्थापित किए।
(6) महात्मा गांधी जी को शांति नोबेल पुरस्कार अभी तक नहीं मिला जबकि पांच बार वह इसके लिए नॉमिनेट हो चुके हैं।
उपसंहार महात्मा(गाँधी) जी के कार्यों का उल्लेख अगर करने लगे तो शब्दों की कमी पड़ जाएगी इस महात्मा की तीन महत्वपूर्ण सिद्धांत थे ना बोल बुरा, ना देख बुरा, ना सुन बुरा, महात्मा गाँधी के इन सिद्धांतों को नजरअंदाज़ करके 30 जनवरी 1948 को एक व्यक्ति ने उनकी हत्या कर दी इस महात्मा ने देश के लिए अपनी जान देदी और हमें इनके कार्यो को ना भूलते हुए इस आजादी का सही उपयोग करना चाहिए क्युकी ऐसे महान व्यक्ति सदियों में एक ही धरती पर अवतरित होते है बार-बार नहीं।
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