स्वस्थ और सुखी जीवन पर निबंध | Essay on healthy and happy life | in Hindi | हिन्दी में | Essay on Health issues
स्वस्थ और सुखी जीवन पर निबंध
हम कैसे स्वस्थ और सुखी जीवन जीए। स्वस्थ और सुखी जीवन पर निबंध। स्वास्थ्य ही जीवन है पर निबंध एक खुशहाल जीवन जीना एक चॉक्लेट के बक्से की तरह होता है क्यों कि आपको पता नहीं होता है कि आगे आपको क्या मिलने वाला है। लेकिन यह कहावत पूरी तरह सत्य नहीं है। आप चुन सकते है और अपने जीवन के फैसलों का नेतृत्व भी कर सकते है। प्रत्येक इंसान जिन्दगी में खुश और स्वस्थ रहना चाहता है। हर किसी के जीवन में कई पहलु होते है।
एक सुखी, स्वस्थ जीवन जीने के लिए आपको समझदारी से निर्णय लेना होगा। आपके जीवन में समझदार फैसले लेने के लिए आपके समक्ष कई विकल्प होते है। दैनिक व्यायाम, संतुलित आहार एक स्वस्थ जीवन का राज़ है। अगर आप रोज़ाना व्यायाम करते है और गलत वस्तुओं का सेवन यानी मदिरा इत्यादि नहीं करते है तो निश्चित रूप से आप स्वस्थ जीवन जी सकते है। योग पीढ़ियों से चला आ रहा सर्वश्रेष्ठ व्यायाम है जो मस्तिष्क और शारीरिक विकास के लिए ज़रूरी है।
योगा आपको एकाग्र होने में मदद करता है और साथ ही आपके मन को शांत रखता है। स्वस्थ रहने के लिए आपको ज़्यादा तला और मसालेदार खाना नहीं खाना चाहिए। अगर आपको ऐसी चीज़े खाने की लालसा होती है, तब हफ्ते में सिर्फ एक बार खाये। लेकिन व्यायाम करना न भूले। आप अपने व्यस्त जीवन से थोड़ा वक़्त अवश्य अपने व्यायाम के लिए निकाले। इससे आप में दिन भर चुस्ती और फुर्ती रहेगी और आपका दैनिक जीवन अच्छा गुजरेगा। अच्छा स्वस्थ मानव जीवन की पूंजी है। अगर आप स्वस्थ है तब आप अच्छा कार्य कर पाएंगे। स्वस्थ शरीर के कारण हर काम में आप अपना बेस्ट प्रदर्शन दे पाएंगे। स्वस्थ शरीर सुखी जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्ध्याय है।
मनुष्य को अपने जीवन में धैर्य और संतुष्टि लाने की आवश्यकता है। अक्सर हमे लगता है कि पैसा हमे सुख प्रदान कर सकता है। लेकिन एक धनवान आदमी भी सुखी नहीं होता है। उसे आपने व्यापार और रुतबे को बरकरार रखना पड़ता है जिसकी वजह से उसे ज़्यादातर रात को नींद नहीं आती है। ऐसे पैसे का क्या फायदा जिससे आपको रात में नींद ना आये और आपका सुख चैन छीन जाए। पैसे से आप बहुत हर चीज़ खरीद सकते है, मगर सुख नहीं खरीद सकते है।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और अगर वह ज़रूरतमंदो की मदद करे, उसे अपार संतोष मिलता है और सुख की प्राप्ति होती है। एक गरीब आदमी भी धनी व्यक्ति की तुलना में सुखी रह सकता है। इसका कारण है छोटे छोटे वस्तुओं में खुशियां प्राप्त करना। अच्छा स्वस्थ पाने के लिए जंक फ़ूड और स्नैक्स का त्याग करना आवश्यक है और जितना संभव हो कम तेल में पका हुआ खाना खाये। ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिए और प्रोटीन युक्त आहार खाये। हर सब्ज़ियां और फल खाये जिसमे विटामिन्स और मिनरल्स हो। ज़्यादातर प्राकृतिक और स्वस्थ भोजन का सेवन करे। अगर पाचन की समस्या हो तो उबला हुआ खाना खाये। थोड़ा थोड़ा करके खाना खाये, इससे आपको तृप्ति और संतुष्टि मिलती है। आप बाहर का खाना खाने से बचे और घर का शुद्ध भोजन करे।
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— Ministry of Health (@MoHFW_INDIA) November 15, 2021
#ClimateChange not only has direct impacts on human health, it also threatens the capacity of health systems to manage and protect our health. The health sector can also do its part to reduce its environmental impact.
— World Health Organization (WHO) Western Pacific (@WHOWPRO) November 13, 2021
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एक स्वस्थ दिनचर्या बनाने की भरपूर कोशिश करे और अच्छा भोजन, सुकून भरी नींद का आनंद ले। हमेशा शुद्ध पानी पीये। निर्धारित समय पर खाना खाये और सोये। इससे आप निश्चित रूप से एक स्वस्थ जीवन व्यतीत कर पाएंगे। जिस व्यक्ति के मन में संतोष नहीं है वह हमेशा ईर्ष्या की आग में जलता है और कभी सुखी जीवन व्यतीत नहीं कर पाता है। हमे अपने जीवन की हार जीत की तुलना किसी और के जीवन से नहीं करना चाहिए। हम अपनी दैनिक जीवन में अपने प्रियजनों के संग छोटे छोटे पलों में भी खुशियां ढूंढ सकते है। एक सन्यासी भी आमिर आदमी की तुलना में अतिरिक्त सुखी रह सकता है। संतोष हमारे दिल में है, हम कितने आमिर या गरीब है, उस पर बिलकुल निर्भर नहीं करता है। संतोष का तात्पर्य है पूरे लगन और मेहनत के साथ कार्य करना और कुछ भी फल मिले, उससे संतुष्ट हो जाना।
महाभारत में भी यह कहा गया था कर्म करते चलो फल की चिंता ना करो। रोज़मर्रा के तनाव और अत्यधिक सफलता पाने के होड़ में हम अपना चैन और सुख खो देते है और ऐसे दल दल में फंस जाते है जिनसे निकल पाना मुश्किल हो जाता है। हम धार्मिक जीवन जी सकते है। इससे मन और मस्तिष्क को अपार शान्ति की अनुभूति होती है। हमे अपने खाली समय में व्यर्थ की चिंता नहीं करनी चाहिए। इससे सिर्फ मानसिक अशांति बढ़ती है। हमे आज की चिंता पहले करनी चाहिए, कल क्या हो इसका किसी को नहीं पता है। हमे खाली वक्त में अपने विभिन्न शौक जैसे संगीत, नृत्य, कविता और कहानी लेखन इत्यादि पूरे करने चाहिए और सकारात्मक सोच का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए।
निष्कर्ष आपने आस पास के लोगो को सुखी रखने से हम भी सही माईनो में सुखी रह सकते है। एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का विकास होता है। स्वस्थ मन आपको सभी तरीके से खुश रख सकती है। जिन्दगी में दुसरो से ज़्यादा अपेक्षा ना करे और खुद पर ज़रूरत से ज़्यादा उम्मीद ना रखे। उम्मीद रखना अच्छी बात है। क्यों कि उम्मीद पर पूरी दुनिया टिकी है। अत्यधिक उम्मीदों पर खड़ा ना उतरने पर आप अपने आपको कोसने लगते है जो सही नहीं है। ज़िन्दगी में स्वस्थ रहेंगे तो हर कार्य करने की ऊर्जा रहेगी और आप बेहतर तरीके से अपने कार्य को अंजाम दे पाएंगे। संतुष्टि, संयम, धैर्य, सही निर्णय निश्चित रूप से आपको सुखी रखने में सहायक है।
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